“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी !! वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है, वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले “आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के https://youtu.be/Lug0ffByUck